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Ramkishun Bharadwaj

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गोवर्धन पूजा

द्वापर युग की बात है देवराज इन्द्र को अभिमान हो गया था। इन्द्र का अभिमान चूर करने हेतु भगवान श्री कृष्ण जो स्वयं लीलाधारी श्री हरि विष्णु के अवतार हैं…

जागा हुआ कौन ?

महात्मा जड़ भरत जी एवं राजा रहूगण संवाद “गुणानुरक्तं व्यसनाय जन्तोः क्षेमाय नैर्गुण्यमथो मनः स्यात्” भा. 5/11/8 विषयासक्त मन जीव को सांसारिक संकट में फँसाता है और वही मन विषय…

विजयादशमी, श्री राम के आदर्शों के अनुसरण का पर्व।

विजयादशमी की आपको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं! विजयादशमी पर्व श्री राम के आदर्शों का अनुसरण करते हुए, सद्गुण रूपी तीर से अपने ही अंदर विद्यमान रावण रूपी बुराइयों को नष्ट…

समाज सेवा के लिए सामाजिक चेतना जरुरी- पंडित रामकिशुन भारद्वाज

समझते है, क्या है सामाजिक चेतना सामाजिक चेतना का मतलब है, समाज के प्रति लोगों की जागरूकता और समझ। यह समाज के भीतर लोगों की सामूहिक चेतना होती है। सामाजिक…

अंतर्राष्ट्रीय ब्राह्मण उत्कर्ष परिषद ब्राह्मणों का एक वैश्विक मंच

अंतर्राष्ट्रीय ब्राह्मण उत्कर्ष परिषद वैश्विक स्तर पर ब्राह्मण समाज को संगठित करने, आपसी सहयोग को बढ़ावा देने, समाज में उत्कृष्ट ज्ञान का संचार करने एवं सनातन परंपरा को आगे बढ़ाने…