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समाज सेवा के लिए सामाजिक चेतना जरुरी- पंडित रामकिशुन भारद्वाज

ByRamkishun Bharadwaj

Oct 9, 2024

समझते है, क्या है सामाजिक चेतना

सामाजिक चेतना का मतलब है, समाज के प्रति लोगों की जागरूकता और समझ। यह समाज के भीतर लोगों की सामूहिक चेतना होती है।

सामाजिक चेतना से जुड़ी कुछ बातेंः

  1. सामाजिक चेतना, लोगों के सामाजिक वर्ग और सामाजिक संरचनाओं के प्रति जागरूकता को दर्शाती है।
  2. यह लोगों के जीवन को प्रभावित करती है।
  3. सामाजिक चेतना, लोगों के दूसरों के साथ संबंधों और सामाजिक पदानुक्रम में उनके स्थान से जुड़ी होती है।
  4. सामाजिक चेतना, लोगों के सामूहिक आत्म-जागरूकता और सामाजिक पहचान से जुड़ी होती है।
  5. सामाजिक चेतना से जुड़े कुछ मानदंड हैं, जैसे कि सामाजिक विसंगतियों, वैवाहिक समस्याओं, धार्मिक मिथ्याचारों और रूढ़ियों का विरोध।
  6. सामाजिक चेतना से जुड़े लोगों में उदात्त भावना होती है और वे सर्वजन हिताय काम करते हैं।
  7. सामाजिक चेतना, व्यक्ति की विकासशील प्रक्रिया है और यह हर युग के साथ बदलती रहती है।

इस प्रकार हम अपना आत्म विश्लेषण कर सकते हैं कि मेरे अंदर सामाजिक चेतना है या नहीं। उक्त मानदण्डों पर काम करते हुए सामाजिक चेतना विकसित की जा सकती है। यदि समाज सेवा का कार्य हमें करना है। तो स्वयं अपने अंदर और समाज के अंदर सामाजिक चेतना जगाना जरूरी है।


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