विजयादशमी की आपको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं! विजयादशमी पर्व श्री राम के आदर्शों का अनुसरण करते हुए, सद्गुण रूपी तीर से अपने ही अंदर विद्यमान रावण रूपी बुराइयों को नष्ट करने का दिन है। रावण के पुतले जलाने वाले अपने अंदर झाँक कर देखें। क्या वे राम के त्याग, तपस्या, सत्य, प्रेम दया, करुणा आदि गुणों में से कुछ भी ग्रहण कर रहे हैं? श्री राम के आदर्शों को आत्मसात करके रावण के पुतले को जलाने योग्य अपने आप को बनाएं। फिर पुतले जलाएं। रावण जले या न जले इसकी कोई चिंता नहीं,पर हमारे अंदर का राम जिंदा रहना चाहिए। एक बार पुनः विजयदशमी की शुभकामनाएं एवं बधाई।🙏🙏🙏